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महाकुंभ: आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता का महापर्व - महत्व और संदेश

महाकुंभ: आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता का महापर महाकुंभ भारत की सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक अद्भुत प्रतीक है। यह न केवल एक धार्मिक आयोजन है, और विश्व शांति का संदेश देने वाला विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महोत्सव है। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में चार पवित्र स्थलों - प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है। इनमें से प्रयागराज और हरिद्वार में लगने वाले कुंभ को 'महाकुंभ' कहा जाता है, क्योंकि इनका महत्व और पवित्रता अन्य स्थानों से कहीं अधिक मानी जाती है। महाकुंभ की पौराणिक कथा महाकुंभ की उत्पत्ति समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ी है। कहा जाता है कि देवताओं और असुरों ने अमृत कलश प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया। जब अमृत कलश निकला, तो उसे लेकर देवताओं और असुरों में 12 दिनों तक संघर्ष हुआ। इस दौरान अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरीं, जहां ये बूंदें गिरीं, वे स्थान पवित्र हो गए। ये स्थान प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक हैं। देवताओं के 12 दिन मनुष्यों के 12 वर्ष के बराबर होते हैं, इसलिए महाकुंभ हर 12 साल में मनाया जाता है। आध्यात्...